मंगलवार, 30 अप्रैल 2024

महाराष्ट्र दिवस पर कालबादेवी में ओशो समारोह ‘ओशो के अनुज डॉक्टर स्वामी शैलेंद्र सरस्वती’ और ‘मां अमृत प्रियाजी’ की उपस्थिति में ओशो का ध्यान प्रयोग और प्रवचन होगा


फोटोलाइन: बाएँ से दाएँ , हिंदुस्तान चैंबर ऑफ कॉमर्स के पूर्व अध्यक्ष और फिक्की की कार्यकारी समिति के सदस्य शिखरचंद जैन, स्वामी शैलेन्द्र सरस्वती, ओशो के अनुज (छोटे भाई) और ओशो के अनुयायी देवकीनंदन


मुंबई, 30 अप्रैल, 2024 (TGN): हिंदुस्तान चैंबर ऑफ़ कॉमर्स के भूतपूर्व अध्यक्ष और फिक्की के एक्जीक्यूटिव कमेटी मेंबर शिखरचंद जैन और मैसर्स ऋषि एंटरप्राइजिस – द्वारा नवनिर्मित भवन सोजत स्वर्ण का उद्घाटन 1 मई, 2024, बुधवार को सुबह होगा.इसका उद्घाटन परम श्रद्धेय स्वामी डॉ. शैलेंद्र सरस्वती (ओशो के अनुज) और मां अमृत प्रिया के कर कमलों द्वारा होगा. उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री, मंगल प्रभात लोढ़ा,महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष, राहुल नार्वेकर और भूतपूर्व न्यायमूर्ति के. के. तातेड उपस्थित रहेंगे.

सोनीपत में 6 एकड़ में आश्रम रखने वाले डॉक्टर स्वामी शैलेंद्र सरस्वती और मां अमृत प्रिया भौतिकवाद और अध्यात्मवाद के महासंगम विषय पर संबोधन करेंगी.कालबादेवी रोड पर सोजत स्वर्ण भवन के उद्घाटन समारोह में एक मई को सुबह 9:00 से शाम 5:00 बजे तक

ओशो का ध्यान प्रयोग होगा, प्रवचन होगा और प्रश्नों के उत्तर भी दिए जाएंगे.
शिखरचंद जैन द्वारा सोजत राजस्थान में 20 करोड रुपए की लागत से 28 एकड़ में ओशो ध्यान केंद्र आश्रम स्थापित कर रहे हैं. यहां एक लाख वर्ग फुट का निर्माण किया जाएगा.यह आश्रम डेढ़ वर्ष में तैयार हो जाने का अनुमान है.

ओशो के मेडिटेशन और सेलिब्रेशन से संबंधित जानकारी
— सदगुरु ओशो के अनुसार पूर्व और पश्चिम का मिलन अर्थात आध्यात्मिक परंपरा और सांसारिक गतिविधियों का एकीकरण जरूरी है.जिस तरह गौतम बुद्ध आत्मज्ञान,शांति, प्रेम और करुणा के प्रतीक हैं,उसी तरह ग्रीक जोरबा भौतिक धन धान्य और विलासिता के प्रतीक है.सद्गुरु ओशो ध्यान और विज्ञान के संतुलन पर जोर देते हैं.पूर्व और पश्चिम दोनों संस्कृतियों का समन्वय चाहते हैं.वे सांसारिक सफलता,सुविधा,और स्वास्थ्य के सहयोग से आंतरिक शांति,प्रीति,समाधि को समान रूप से महत्वपूर्ण बताते हैं.संक्षेप में इस संश्लेषण को ‘ जोरबा दी बुद्ध’ कहकर पुकारते हैं.

पूरे इतिहास में मानवता खंडित ढंग से जीत रही है.कुछ भौतिकवादी और कुछ आत्मवादी हो गए हैं.यद्यपि सच्ची

पूर्णता इन विपरीत तत्वों के बीच सामंजस्य स्थापित करने में निहित है.ओशो के क्रांतिकारी नजर में भौतिकवादी अंधे और आत्मवादी लंगड़े हैं. पौराणिक कथा में जिस प्रकार एक अंधा और एक लंगड़ा परस्पर सहयोग से सुलगते जंगल में अपनी रक्षा करते हैं,उसी प्रकार से संपूर्ण मानवता को संभावित तृतीय विश्व युद्ध के लटकते जोखिम का सामना करने के लिए एकजुट होना चाहिए.लंगड़े व्यक्ति द्वारा निर्देशित दिशा में लंगड़ा व्यक्ति चले तो दोनों अग्नि से बच सकते हैं.

ध्यान और विज्ञान के संयोजन की अत्यधिक जरूरत है.वैश्विक तबाही से बचने के लिए बाह्य शक्ति के साथ आंतरिक शांति भी होनी चाहिए. अशांत व्यक्तियों का शक्तिशाली होना जितना खतरनाक है,उतना शांत लोगों का अशक़्त होना खतरनाक है.इस प्रकारअपने-अपने ढंग से दोनों अधूरे ,अपंग और अस्वस्थ हैं.दोनों के संतुलन से पूर्ण और स्वास्थ्य इंसानियत का जन्म संभव है.आलसी पूर्व और अतिक्रर्मठ पश्चिम के बीच संश्लेषण की तत्काल आवश्यकता है.

मंगलवार, 16 अप्रैल 2024

एशियन पेंट्स ने नई रेंज 'नियो भारत लेटेक्स पेंट' के साथ बाजार में प्रवेश किया| क्रिकेटर विराट कोहली हर घर खेलेगा, हर घर खिलेगा नारे वाले विज्ञापन अभियान के ब्रांड एंबेसडर हैं।


मुंबई, 16 अप्रैल 2024 (TGN) - 
भारत की अग्रणी पेंट और सजावट कंपनी,   एशियन पेंट्स गर्व से बाजार में अपनी नवीनतम रेंजनियो भारत लेटेक्स पेंट प्रस्तुत करता है एशियन पेंट्स के दर्शन के केंद्र में यह विश्वास है कि हर कोई उस जीवन का निर्माण करने का हकदार है जिसकी वह कल्पना करता है।स्मार्टमूल्य संचालित समाधानों को प्राथमिकता देकरब्रांड ग्राहकों को उनके घरों को सपनों के स्थान में बदलने में मदद करता है।

नियो भारत लेटेक्स पेंट इस दिशा में एक कदम का प्रतिनिधित्व करता है। विशेष पॉलिमर तकनीक से सुसज्जित जो उत्कृष्ट फिनिश, उच्च कवरेज और अच्छी धुलाई क्षमता प्रदान करता है। किफायती होने के अलावा, नियो भारत लेटेक्स पेंट उपभोक्ताओं के लिए 1000 से अधिक शेड्स प्रदान करता है। एशियन पेंट्स द्वारा उल्लिखित प्रगति के ये रंग बेहतर जीवन के लिए लाखों भारतीयों की आकांक्षाओं का प्रतीक हैं। ब्रांड उनके सपनों को साकार करने की यात्रा में उनके साथ साझेदारी करने के लिए समर्पित है। 

नियो भारत लेटेक्स पेंट - 'हर घर खेलेगा, हर घर खेलेगा', अपने ग्राहकों से एशियन पेंट्स के वादे का प्रतीक है, जो उनके अभियान का केंद्रबिंदु है। यह न केवल गुणवत्ता के वादे का प्रतिनिधित्व करता है बल्कि बेहतर, उज्जवल भविष्य की दिशा में एक परिवर्तनकारी यात्रा का प्रतिनिधित्व करता है। जैसे-जैसे भारत वृद्धि और विकास के एक नए युग को अपना रहा है, नियो भारत लेटेक्स पेंट एक नए भारत के लिए पसंदीदा पेंट के रूप में उभरा है जो साहसी, महत्वाकांक्षी और लगातार विकसित हो रहा है। परिवर्तन की इस यात्रा में, एशियन पेंट्स ने अपने ब्रांड एंबेसडर के रूप में क्रिकेट आइकन विराट कोहली के साथ साझेदारी की है। खुद को और अपने खेल को बेहतर बनाने की उनकी निरंतर कोशिश एशियन पेंट्स के अपने ग्राहकों के लिए बेहतर घर बनाने के प्रयासों के साथ जुड़ी हुई है। 

नए लॉन्च के बारे में बात करते हुए, एशियन पेंट्स लिमिटेड के एमडी और सीईओ, अमित सिंगल ने कहा, “नियो भारत लेटेक्स पेंट एशियन पेंट्स के अब तक के सबसे महत्वपूर्ण लॉन्चों में से एक है। इस उत्पाद के साथ, हम एक पूरी तरह से नई श्रेणी पेश करके उद्योग में क्रांति ला रहे हैं, जिससे यह पूरे भारत में उपभोक्ताओं के लिए अधिक सुलभ हो जाएगा। हर पसंद के लिए विविध विशेषताओं और विविध रंग पैलेट से भरपूर, हमारी नई पेशकश हमारे ग्राहकों की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए डिज़ाइन की गई है। ब्रांडेड समाधानों के साथ असंगठित क्षेत्र में प्रवेश करके, हमारा लक्ष्य बाजार का विस्तार करना और इस श्रेणी को मार्केट लीडर के रूप में विकसित करना है। 

एशियन पेंट्स के साथ अपने जुड़ाव पर टिप्पणी करते हुए, विराट कोहली ने कहा, “मैं नेतृत्व, नवाचार और मजबूत मूल्यों के लिए जाने जाने वाले ब्रांड के साथ जुड़कर वास्तव में उत्साहित और खुश हूं। मेरे लिए एशियन पेंट्स एक ब्रांड से कहीं अधिक का प्रतिनिधित्व करता है और क्रिकेट की तरह है; लगभग हर भारतीय घर का हिस्सा होने से हमारे जीवन में खुशी और उत्साह आता है। इस परिवर्तनकारी यात्रा के अनुरूप, मैं एशियन पेंट्स नियो भारत लेटेक्स पेंट के लॉन्च में भागीदार बनकर और एशियन पेंट्स को नए और प्रगतिशील भारत का एक मजबूत हिस्सा बनने के लिए प्रेरित करके वास्तव में सम्मानित महसूस कर रहा हूं।

शुक्रवार, 22 मार्च 2024

इंस्टोर इंडिया आणि जेनिथ आरएसएम ने जेनिथ इंस्टोर रिटेल सॉल्यूशंस एशिया प्राइवेट लिमिटेड लाँच करण्यासाठी धोरणात्मक सहकार्य केले


मुंबई
22 मार्च, 2024 (टाइम्स ग्लोबल)– इंस्टोर इंडियाभारतातील सर्वात मोठी रिटेल स्टोअर फिक्स्चर आणि स्पेशॅलिटी सोल्युशन्स कंपनी आणि जेनिथ आरएसएमएक तुर्की-आधारित प्रमुख उत्पादक आणि रिटेल सोल्यूशन्सचा पुरवठादारयांनी जेनिथ इंस्टोर रिटेल सॉल्यूशंस एशिया प्राइवेट लिमिटेड ची स्थापना करण्यासाठी त्यांच्या सहकार्याची घोषणा केली आहे. या भागीदारीचे उद्दिष्ट दोन्ही कंपन्यांना भारतातील रिटेल स्टोअर फिक्स्चर सेगमेंटमध्ये बाजारपेठेचे नेतृत्व करण्यासाठी प्रवृत्त करणे आणि धोरणात्मक निर्यातीद्वारे त्यांचा जागतिक स्तरावर विस्तार करणे हे आहे.

जेनिथ इंस्टोर रिटेल सॉल्यूशंस एशिया प्राइवेट लिमिटेड, इंस्टोर  भारताची जागतिक दर्जाची उत्पादन क्षमता आणि रिटेल फिक्स्चरमधील कौशल्य आणि जागतिक स्तरावर किरकोळ विक्रेत्यांना अतुलनीय उत्पादने आणि समाधाने देण्यासाठी जेनिथ आरएसएम च्या धोरणात्मक अंतर्दृष्टी यांच्यातील समन्वयाचा उपयोग करेल. नावीन्यगुणवत्ता आणि ग्राहकांचे समाधान यावर लक्ष केंद्रित करूनसंयुक्त उपक्रम रिटेल फिक्स्चर उद्योगातील उत्कृष्टतेचे मानके पुन्हा परिभाषित करण्यासाठी सज्ज आहे.

सहयोगाविषयी बोलतानासुश्री रितिका मेहतासंचालिकाइंस्टोर किडर इंडिया प्रा.लिमिटेड. म्हणाले, “रिटेल स्टोअर फिक्स्चर विभागामध्ये बाजारपेठेचे नेतृत्व प्रस्थापित करण्यासाठी जेनिथ आरएसएम सोबत या सहयोगी प्रवासाला सुरुवात करताना आम्हाला आनंद होत आहे. आमच्या एकत्रित कौशल्य आणि क्षमतांसहआम्ही भारत आणि सार्क प्रदेशातील किरकोळ विक्रेत्यांना आजच्या स्पर्धात्मक बाजारपेठेत भरभराट होण्यास मदत करण्यासाठी अपवादात्मक मूल्य देण्यासाठी तयार आहोत. कार्यक्षमनाविन्यपूर्ण आणि दर्जेदार रिटेल सोल्यूशन्ससह जगभरातील ब्रँडकिरकोळ विक्रेते आणि व्यापार भागीदारांना सेवा देणारे जागतिक स्तरावर रिटेल सोल्यूशन्ससाठी वन-स्टॉप-शॉप तयार करण्याचे आमचे ध्येय आहे.

बुधवार, 20 मार्च 2024

मुंबईतील म्युझिक क्रिएटर्सना सक्षम करण्यासाठी – माय म्युझिक माय राइट्स, क्रिएटर्स कनेक्ट वर्कशॉपचे आयोजन


मुंबई, 20 मार्च, 2024 (TGN)– संगीत क्षेत्रात बौद्धिक मालमत्तेविषयी (इंटेलेक्च्युअल प्रॉपर्टी) जागरूकतेचा प्रसार करण्यासाठी तसेच म्युझिक क्रिएटर्स व स्वतंत्र कलाकारांना संगीत व्यवसाय आणि प्रकाशनाशी संबंधित महत्त्वाच्या बाबींची माहिती देण्याच्या हेतुने इंडियन परफॉर्मिंग राइट सोसायटी लि. (आयपीआरएस) या लेखकसंगीतकार आणि संगीत प्रकाशकांचे प्रतिनिधीत्व करणाऱ्या संस्थेने देशभरात ‘माय म्युझिक माय राइट्स या देशव्यापी कॅम्पेनची सुरुवात केली आहे. या कॅम्पेनचा एक भाग म्हणून आयपीआरएसने एका संवादी कार्यशाळेचे आयोजन केले होते. ‘माय म्युझिक माय राइट्स असे नाव असलेली ही कार्यशाळा डॉल्बी लॅब्जच्या सहकार्याने मुंबईत आयोजित करण्यात आली होती. ही कार्यशाळा आयपीआरएसच्या देशभरातील म्युझिक क्रिएटर्सना सक्षम करण्याच्यात्यांना पाठिंबा देण्याच्या बांधिलकीतला महत्त्वाचा टप्पा आहे.

ईवायने नुकत्याच केलेल्या द म्युझिक क्रिएटर इकॉनॉमी – द राइज ऑफ म्युझिक पब्लिशिंग इन इंडिया नावाच्या सर्वेक्षणात भारतात दरवर्षी 20,000 ओरिजनल गाणी तयार होत असलीतरी म्युझिक क्रिएटर्सना कोणत्या आव्हानांचा सामना करावा लागतो हे तपशीलवार मांडण्यात आले आहे. या आव्हानांमध्ये आर्थिक अडथळे आणि सुधारित संगीत निर्मिती कौशल्यांची गरज तसेच मॉनेटायझेशनची धोरणे यांचा प्रामुख्याने समावेश आहे. केवळ 60 टक्के जण संगीतावर आधारित काम करण्यातून जगण्यापुरते पैसे मिळवू शकत असल्याचे या सर्वेक्षणात नमूद करण्यात आले आहे. ‘माय म्युझिक माय राइट्स हे कॅम्पेन या आव्हानांवर मात करण्यासाठी कार्यशाळासेमिनार्स आणि इतर उपक्रमांचे ऑनलाइन व ऑफलाइन आयोजन करत आहे. या उपक्रमांच्या माध्यमातून क्रिएटर्सना संगीत उद्योगात प्रभावीपणे काम करण्यासाठी सक्षम केले जाते.

या कार्यक्रमात या क्षेत्रातील कुशल क्रिएटर्स आणि त्यांचे समकालीन क्रिएटर्स यांच्याशी अर्थपूर्ण संवाद साधला गेला. आघाडीचे कलाकार व पॅनेलिस्ट अतुल चुरामानी, टर्नकी म्युझिक आणि पब्लिशिंग, पद्मनाभन एनएस, प्रमुख, आर्टिस्ट अँड लेबल पार्टनरशीप, स्पॉटिफाय इंडिया, करण ग्रोव्हर, वरिष्ठ संचालक- भारत, मध्य पूर्व आणि आफ्रिका, डॉल्बी लॅब्ज, दिव्या भाटिया, फेस्टिवल संचालक आणि निर्माते जोधपूर आरआयएफएफ आयुषमान सिन्हा, संस्थापक आणि मुख्य कार्यकारी अधिकारी, रिप्रेझेंट मॅनेजमेंट, अखिला शंकर, प्रमुख ट्युनकोअर दक्षिण आशिया आणि राघव मियाटले, गायक- गीतकार, संस्थापक- First.wav या वेळी उपस्थित होते.

मुंबई व जवळपासचे स्वतंत्र कलाकार आणि म्युझिक क्रिएटर्स या कार्यशाळेसाठी उपस्थित होते. या कार्यशाळेच्या निमित्ताने त्यांना गीतलेखन, रॉयल्टी व हक्कांचे व्यवस्थापन, डॉल्बी अ‍ॅटमॉससह आधुनिक ध्वनी निर्मिती तंत्र आणि संगीत उद्योगातील कलाकारांचा प्रवास याविषयी मौल्यवान माहिती मिळाली. यावेळी सहभागींना नेटवर्किंगच्या संधी व पर्यायाने संभाव्य सहकार्याची शक्यता जाणून घेता येईल. या अनोख्या अनुभवाच्या मदतीने सहभागींना सातत्याने बदलत असलेल्या संगीत क्षेत्रात विकास करण्यासाठी आवश्यक साधने व प्रेरणा मिळण्यास मदत झाली.

गायक- गीतकार, संस्थापक – First.wav राघव मियाटले म्हणाले, ‘माझ्या बरोबरीच्या इतर संगीतकारांच्या संघर्षाची मला जाणीव आहे. माय म्युझिक माय राइट्स कॅम्पेनच्या माध्यमातून आयपीआरएससह केलेले सहकार्य त्या दिशेने टाकलेले पाऊल आहे. ‘माय म्युझिक माय राइट्स’ कॅम्पेन क्रिएटर्सना त्यांचे हक्क सुरक्षित ठेवण्याविषयी माहिती देणारे तसेच कलाकारांना आपला विकास करण्यासाठी पूरक वातावरण निर्माण करणाऱ्या यंत्रणेस चालना देणारे आहे. गुणवत्तेप्रती आयपीआरएसची बांधिलकी आणि क्रिएटर्सच्या हक्कांसाठी उभे राहाणे कौतुकास्पद आहे. संगीत क्षेत्राच्या उज्ज्वल भविष्यासाठी मार्ग तयार करणाऱ्या घडामोडींचा भाग होताना मला आनंद वाटत आहे.’

याविषयी आपले मत व्यक्त करताना आयपीआरएसचे मुख्य कार्यकारी अधिकारी राकेश निगम म्हणाले, संगीत क्षेत्र नवी उंची गाठत असताना गीतकारसंगीताकार आणि स्वतंत्र क्रिएटर्सना त्यांच्या हक्कांची संपूर्ण माहिती असणं व त्याच्या मदतीने शाश्वत करियर उभारता येणं खूप महत्त्वाचं आहे. आयपीआरएसमध्ये आम्ही म्युझिक क्रिएटर्सना शिक्षण आणि तज्ज्ञांच्या मदतीने सक्षम करण्यास प्राधान्य देतो. संगीताचा समृद्ध वारसा आणि संगीताचे आपल्या आयुष्यातील मूल्य जाणून घेत संगीत क्षेत्राला पाठिंबा देण्याचीत्याचा विकास करण्याची सामाईक जबाबदारी हाती घेऊया व या क्षेत्राला अधिक चांगले भविष्य मिळवून देऊया. माय म्युझिक माय राइट्स हे कॅम्पेन भारतातील म्युझिक क्रिएटर्सना सक्षम करण्याची आयपीआरएसची बांधिलकी जपणारे आहे. कोलकातादिल्ली आणि पुणे शहरात आगामी कार्यशाळा आयोजित करण्यात आल्या असून त्याद्वारे आयपीआरएसने जास्तीत जास्त लोकांपर्यंत पोहोचून सर्वसमावेशक व न्याय्य संगीत क्षेत्र तयार करण्याचे उद्दिष्ट ठेवले आहे.

बुधवार, 6 मार्च 2024

गोदरेज इंटेरियो की 'होमस्केप्स' स्टडी ने भारत की महिलाओं की करियर महत्वाकांक्षाओं और सशक्तीकरण के सफर पर डाली नजर


स्टडी के महिला दिवस संस्करण का अनावरण; 69% का दावा है कि जब वे मेहमानों से बातचीत करती हैं तो व्यक्तिगत करियर की उपलब्धियां उनका प्रिय विषय होता है और इस विषय पर बात करते हुए उन्हें सबसे अधिक गर्व की अनुभूति होती है


मुंबई, 6 मार्च 2024 (TGN): आज का भारत तेजी से विकसित हो रहा है, लगातार गतिशील परिवेश में लोगों के अपने घरों के साथ जुड़ाव में भी बड़े बदलाव रहे हैं। गोदरेज समूह की प्रमुख कंपनी गोदरेज एंड बॉयस के बिजनेस गोदरेज इंटेरियो की 'होमस्केप्स' स्टडी ने इसी बदलाव की नब्ज पर अंगुली रखी है। इस स्टडी ने उजागर किया है कि कैसे घर की सजावट लोगों के व्यक्तित्व और पसंद की अनूठी अभिव्यक्ति बन रही है। यह स्टडी घरों और व्यक्तिगत विकास के बीच आंतरिक संबंध को रेखांकित करती है।


पिछले कुछ वर्षों में भारत में महिलाओं की भूमिका में एक उल्लेखनीय परिवर्तन हुआ है, जो पारंपरिक गृहिणी से सशक्त गृहस्वामिनी बन गई है, जैसा कि एनारॉक द्वारा हाल में किए गए एक सर्वेक्षण से पता चला है। अध्ययन से पता चलता है कि सर्वेक्षण में शामिल 47 प्रतिशत संपत्ति चाहने वाली महिलाएं 25-35 वर्ष की आयु सीमा में आती हैं, अतिरिक्त 41 प्रतिशत 35-45 आयु वर्ग में आती हैं। गोदरेज इंटेरियो 'होमस्केप्स' स्टडी के महिला दिवस संस्करण के निष्कर्षों में महिलाओं के व्यवहार में दिलचस्प बदलाव, पर्सनल स्पेस के महत्व और उनके विकास के साथ इसके संबंध पर जोर का खुलासा हुआ। स्टडी के जरिए भारत में महिलाओं की बढ़ती करियर आकांक्षाओं और सशक्तीकरण पर प्रकाश डाला गया। स्टडी के अनुसार, 42% महिलाओं ने होम वर्कस्टेशन स्थापित किया है, जो पुरुषों के लिए दर्ज 36% से अधिक है। इसके अतिरिक्त, 69% का दावा है कि 64% पुरुषों की तुलना में, मेहमानों से बातचीत करते हुए उन्हें सबसे ज्यादा खुशी अपनी व्यक्तिगत करियर उपलब्धियां पर चर्चा करते हुए होती है। यह देश में महिलाओं की बढ़ती करियर आकांक्षाओं और सशक्तीकरण को रेखांकित करता है।


इस प्रवृत्ति पर टिप्पणी करते हुए गोदरेज इंटेरियो के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और बिजनेस हेड स्वप्निल नागरकर ने कहा, 'होमस्केप्स स्टडी के निष्कर्ष व्यक्तियों, उनके परिवारों और उनके घरों के बीच गहरे भावनात्मक संबंध को रेखांकित करते हैं। हमारा अध्ययन महिलाओं के जीवन के एक महत्वपूर्ण पहलू यानी उनकी पहचान के प्रतिबिंब के रूप में उनके घर के संबंध में उनकी भावनाओं पर प्रकाश डालता है। सर्वेक्षण से मिले आंकड़े बता रहे हैं कि सामाजिक-आर्थिक प्रगति ने महिलाओं को अपने अधिकारों का दावा करने के लिए सशक्त बनाया है। महिलाएं केवल घर की देखभाल कर सकती है वाली पारम्परिक धारणा को चुनौती मिली है। अब महिलाएं अपने घरों में मजबूत स्थिति में है और निर्णय लेने के लिए सशक्त हैं। गोदरेज इंटेरियो में हम ऐसे फर्नीचर तैयार करने में गर्व महसूस करते हैं जो केवल दिखने में अच्छे होते हैं बल्कि भारतीय महिलाओं की आधुनिक जीवनशैली के अनुरूप सुविधाएं भी प्रदान करते हैं। हमारा फर्नीचर आज की महिलाओं के घर और जीवनशैली में सहजता से घुलमिल जाता है, इसमें स्टाइल और व्यावहारिकता दोनों शामिल हैं।'


इसके अलावा स्टडी से यह भी खुलासा हुआ कि भारत में घरेलू भूमिकाओं तक ही सीमित रही महिलाओं की तुलना में आज के दौर की महिलाओं में एक उल्लेखनीय बदलाव आया है, वे अपने निर्णय ले रही हैं और उन्हें वित्तीय स्वतंत्रता प्राप्त हुई है। सर्वेक्षण के आंकड़ों के अनुसार, 59% महिलाओं का मानना है कि आधुनिक ओपन किचन की अवधारणा ने खाना पकाने और भोजन के अनुभव में भागीदारी की प्रकृति को बढ़ाया है। यह धारणा पारंपरिक रसोई से विचलन का प्रतीक है, जो अक्सर एकांत में होती है और मुख्य रूप से महिलाओं की जिम्मेदारियों से जुड़ी होती है। जैसे-जैसे अधिक महिलाएं शिक्षा प्राप्त करती हैं और कार्यबल में प्रवेश करती हैं, वे पारिवारिक गतिशीलता को नया आकार देते हुए घरेलू आय में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं। उदाहरण के लिए, 'होमस्केप्स' शोध से पता चलता है कि एक चौथाई से अधिक महिलाओं (27%) का मानना है कि 'डाइनिंग टेबल पर अपने पद के अनुसार बैठना' अब नहीं है, परिवार के सभी सदस्यों को जहां चाहें वहां बैठने का अधिकार है।